झारखंड के सबसे पिछड़ा जिला पाकुड़ निवासी मो•आबू तालिब शेख ने डाक्टर बनकर किया जिले का नाम रोशन।

झारखंड के सबसे पिछड़ा जिला पाकुड़ निवासी मो•आबू तालिब शेख ने डाक्टर बनकर किया जिले का नाम रोशन।

पाकुड़ से एहसान आलम।

पाकुड़: कहते हैं होसला यदि बुलंद हो तो कठिन से कठिन रास्ते भी आसान हो जाता है।कुछ ऐसा ही कर दिखाया है राज्य के सबसे पिछड़ा जिला निवासी मो• आबू तालिब शेख ने ।आबू तालिब गरीबी को पछाड़ मात्र 24 वर्ष की आयु में एक डाँक्टर की उपाधि हासिल करने में न केवल सफलता पायी है वल्कि जिले का भी नाम रोशन किया है आज आबू तालिब की चहुंओर चर्चा हो रही है । आबू बचपन से ही पढ़ने में मेधावी रहा वह हर वर्ग में शुरुआती दौर से ही प्रथम स्थान से उर्तीण रहा वह कभी भी अपनी गरीवी को आड़े आने नहीं दिया वह अपने जीवन काल में देखा तो केवल आगे ।समाज में गरीबी व असहाय मरीजों को देखकर आबू तालिब डॉक्टर बनने का सपना अपने मन में संयोजा जो आज उसे हासिल हुई।डाँक्टरआबू के पिता मो•सुलतान शेख एक बीड़ी मजदूर है जिन्हें नाम मात्र की मजदूरी मिलती है ।पर उन्होने अपने बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए बहुत ही जोखिम भरा सफर तय किया। वे भीअपने बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए कभी अपनी गरीबी को राह का रोड़ा बनने नहीं दिया वे अपनी मेहनत और धैर्य से काम लिया।यह सफर पिता‌ और पुत्र का प्यार बयान करता है।डाँक्टरआबू के माता पिता आज खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं उनका कहना है कि मेरा बच्चा आबू बचपन से ही पढ़ने मेधावी और मेहनती छात्र रहा था वह अपने वर्ग में कभी भी दूसरे स्थान पर नहीं रहा मुझे बेटे पर इतना भरोसा था कि वह एक न एक दिन जरुर कुछ बन कर और हमें यकीन था कि मेरा बेटा आबू एक न एक दिन जरूर कुछ बनकर दिखाएंगे।ईश्वर ने आज मेरी सुन ली ।आज उनकी कृपा से मेरा बेटा डॉक्टर की पढ़ाई पूरी की। मुझे अपने बेटे पर गर्व है । मो• आबू तालिब शेख पाकुड़ जिले के रहसपुर गांव का निवासी
होने साथ साथ उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही उत्क्रमित उच्च विद्यालय रहसपुर में हुआ और पाकुड़ राज प्लस 2 से 12वीं की पढ़ाई की है। 10वी साल 2012 में तथा 12वीं की पढ़ाई 2014 में प्रथम श्रेणी से उर्तीण हुआ । मेडिकल क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 2014 में झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा (जेसीईसीई) उर्तीण होने के बाद जेसीईसीईबी रांची में काउंसलिंग के द्वारा देवकी महावीर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च हॉस्पिटल गढ़वा (विनोबा भावे यूनिवर्सिटी हजारीबाग) में बीएचएमएस (बैचलर आफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी)कोर्स के लिए दाखिला मिला। आज उन्होंने मेडिकल कॉलेज का तीसरा स्थान प्राप्त करके बीएचएमएस कोर्स की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने आगे की पढ़ाई पीजी से एम डी ( डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन) की तैयारी करेंगे। मो आबू तालिब शेख ने बताया कि झारखंड राज्य के सबसे पिछड़े जिला पाकुड़ है यहां मेडिकल तथा पारा मेडिकल कॉलेज नहीं है और ना ही कोई बेहतर इलाज के लिए सुपर स्पेशल हॉस्पिटल है। जिसके फलस्वरूप एक तरफ से मेडिकल कोर्स से वंचित छात्रों तथा दूसरी तरफ से बेहतर इलाज ना होने के कारण मरीज की मौत। यहां के गरीब किसान लोग स्वास्थ्य संबंधी खर्च उठाने में असमर्थ है और ना ही कहीं बाहर में बेहतर इलाज के लिए समर्थ है। यहां के लोग सामान्य रोग जैसे हृदय , फेफड़ा , तथा पेट संबंधी आदि रोगो का भी इलाज ठीक से नहीं करा पाते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की क्षेत्रों में गरीब एवं असहाय लोगों को अपना सेवा देंगे। गांव-गांव में कैंप लगाकर मुफ्त इलाज तथा स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देकर लोगों को जागरूक करेंगे।ग्राम तथा विकास मंत्री झारखंड सरकार श्री आलमगीर आलम जी से विनती है कि ग्राम पंचायत में बड़ी लागत से बने बंद पड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को खोल के डाक्टर और नर्स उपलब्ध कराएं तथा मेडिकल फैसिलिटी का मुआवजा कराएं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान हो। साथ ही पाकुड़ जिला में मेडिकल कॉलेज होना चाहिए ताकि यहां के छात्रों को मेडिकल डिग्री की पढ़ाई कर सके।युवा छात्रों से मैं यह कहना चाहता हूं कि पढ़ाई में फोकस करें और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें सफलता आपके कदम चूमेगी।

मैं उन सभी शिक्षकों, डॉक्टरों, दोस्तों, और सीनियर को हृदय से धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई में मुझे सहयोग किया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य ख़बरें