1 मई: कामगारों को मिला बड़ा अधिकार, खास बातें

नई दिल्ली
एक मई का दिन कामगारों के लिए खास दिन है क्योंकि इसी दिन उनको सबसे बड़ा अधिकार मिला। उनके लिए काम का घंटा तय हुआ। इससे पहले कामगारों का काफी शोषण होता था। कामगारों को यूं ही यह अधिकार नहीं मिल गया। मजदूरों ने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर 1877 में आंदोलन शुरू किया, इस दौरान यह दुनिया के विभिन्न देशों में फैलने लगा। एक मई 1886 को पूरे अमेरिका के लाखों मज़दूरों ने एक साथ हड़ताल शुरू की। इसमें 11,000 फ़ैक्टरियों के कम से कम तीन लाख अस्सी हज़ार मज़दूर शामिल हुए और वहीं से एक मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई।

1886: अमेरिका के शिकागो में कामगारों के लिए काम के घंटे तय करने को लेकर हड़ताल, मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत।

1897: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

1908: प्रफुल्ल चाकी ने मुजफ्फरपुर बम कांड को अंजाम देने के बाद खुद को गोली मारी।

1914: कार निर्माता फोर्ड वह पहली कंपनी बनी जिसने अपने कर्मचारियों के लिए आठ घंटे काम करने का नियम लागू किया।

1923: भारत में मई दिवस मनाने की शुरुआत।

1956: जोनसा साल्क द्वारा विकसित पोलियो वैक्सीन जनता के लिए उपलब्ध कराई गई।

1960: महाराष्ट्र और गुजरात अलग अलग राज्य बने।

1972: देश की कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण।

2009: स्वीडन ने समलैंगिक विवाह को मंजूरी दी।

2011: अमेरिका पर 2001 के हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारे जाने की पुष्टि।

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