डी ए वी विद्यालय में मनाया गया विवेकानंद जयंती।

डी ए वी विद्यालय में मनाया गया विवेकानंद जयंती।

पाकुड़ से अहसान आलम।

पाकुड़। युग प्रवर्तक, ओजस्वी विचारक और युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती डी ए वी परिसर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम के शुरुआत में विद्यालय प्राचार्य डॉ विजय कुमार एवं सभी शिक्षकों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ कुमार ने बताया कि विवेकानंद जी की जयंती की हम सभी भारतवासी राष्ट्र युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 ई में कलकत्ता में हुआ था। वे बड़े स्वप्नद्रष्टा थे। उन्होंने एक नए समाज की कल्पना की जिसमे धर्म या जाति के आधार पर मनुष्य मनुष्य में कोई भेद न रहे। उन्होंने 1893 ई में अमेरिका स्थित शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया। वे तीन वर्षों तक अमेरिका में रहे और वहाँ के लोगों को भारतीय तत्वज्ञान की अद्भुत ज्योति प्रदान करते रहे। उनका यह उद्धरण विश्व प्रसिद्ध रहा- ‘उठो जागो और तबतक नही रुको जबतक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाय। ऐसे विश्व गुरु को सारा डी ए वी परिवार शत शत नमन करता है।

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