पत्रकार मक़सूद आलम ने खून देकर गर्भवती महिला की बचाई जान

पत्रकार मक़सूद आलम ने खून देकर गर्भवती महिला की बचाई जान

कोई चाहे किसी भी पेशे से जुड़ा हो,लेकिन पहले वह इंसान होता है-मक़सूद आलम

अहसान आलम पाकुड़। पत्रकार को एक बुद्धिजीवी इंसान माना जाता है ऐसा कहा जाता है, कि एक पत्रकार की सोच और नजरिया आम लोगों से अलग है।क्योंकि पत्रकार की नजर हमेशा दूसरे पहलु पर रहती है। उपरोक्त बातें पाकुड के वरिष्ठ पत्रकार सह पाकुड प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष मक़सूद आलम ने अपने 15 वीं रक्तदान के मौके पर कही। उन्होंने एक गर्भवती महिला सीता पहाड़िन 22 वर्ष को रक्तदान कर जान बचाई। सदर ब्लॉक के चांचकी गांव के एक युवा सामजसेवी और वार्ड पार्षद बानीज सेख को सूचना मिली के एक 22 वर्षीय गर्भवती महिला पी के पाठक मेमोरियल अस्पताल में एडमिट है, उन्हें एनीमिया भी है और जल्द से जल्द ओ पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता है। बानीज ने पाकुड के पत्रकार मक़सूद आलम से संपर्क किया। श्री आलम ने तुरंत ब्लड देने की हामी भर दी। श्री आलम ने ब्लड देने के बाद उपस्थित युवाओं को ब्लड देने से होने वाले फायदे के बारे में बताया। उन्होंने कहा कोई चाहे किसी भी पेशे से जुड़ा हो, लेकिन पहले वह इंसान होता है। श्री आलम ने कहा कि यह मेरा 15 वीं रक्तदान है।मुझे सौभाग्य मिला कि मैं अपने खून से असहाय गरीब गर्भवती महिला की जान बचाया। श्री आलम ने कहा कोरोना काल में जब लोग खून देने से डर रहे थे उस दौरान 26 मार्च 2021 को भी खून की कमी से जूझ रही लिट्टीपाड़ा की एक महिला को रक्तदान कर जान बचाई गई थी।उन्होंने युवाओं को अधिक से अधिक ब्लड डोनेट करने का अपील किया है। उनके साथ चांचकी के मुखिया मुख्तार हुसैन, युवा सामजसेवी असीम अकरम, कमाल सेख एवं पैथॉलजीस्ट नवीन जी मौजूद थे।

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