पाकुड़ पॉलिटेक्निक में झारखंड स्थापना दिवस के साप्ताहिक कार्यक्रम के समापन अवसर पर स्पिक-मैके द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन।

पाकुड़ पॉलिटेक्निक में झारखंड स्थापना दिवस के साप्ताहिक कार्यक्रम के समापन अवसर पर स्पिक-मैके द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन।

अहसान आलम पाकुड़। पाकुड़ पॉलिटेक्निक में झारखंड स्थापना सप्ताह का आयोजन किया गया जिसकी शुरुआत दिनांक 15 नवंबर 2022 को हुई। स्थापना सप्ताह के पहले दिन संस्थान में झारखंड की स्थापना पर आधारित क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ तथा इसके पश्चात पूरे सप्ताह संस्थान में डिबेट, पौधरोपण, खेलकूद जैसे कार्यक्रमों का आयोजित किये गये। वहीं दिनांक 21 नवंबर 2022 को पाकुड़ पॉलिटेक्निक परिसर में शाम 5 बजे झारखंड स्थापना दिवस के साप्ताहिक कार्यक्रम के समापन अवसर पर स्पिक-मैके (सोसायटी फार द प्रमोशन आफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग्स यूथ) द्वारा भारतीय विरासत और संस्कृति के आधार पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें स्पिक-मैके के तत्वावधान में प्रतिष्ठित कलाकार कलामंडलम अमलजीत (एक प्रसिद्ध कथकली नर्तक) ने अपने नृत्य प्रदर्शन से सभागार में उपस्थित सभी का मंत्रमुग्ध कर दिया। सहायक कलाकार के रूप में आर. राहुल (नृत्य सहायक), बाबू ई. के. (गायन कलाकार), पुरुषोत्तमन नायर (चेंडा वादक) तथा ओमानकुट्टन (मद्दलम वादक) मंच पर विराजमान थे। इस अवसर पर सभी को भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेने का अवसर मिला।

*कथकली का संक्षिप्त विवरण :* कथकली भारतीय शास्त्रीय नृत्य-नाटक की शैली से संबंधित है। इसका विकास 17 वीं सदी के दौरान दक्षिण भारतीय राज्य केरल में हुआ था। कथकली शब्द का शाब्दिक अर्थ “कथा-नाटक” है। कथकली शब्द दो मलयालम शब्दों “कथा” (कहानी) और “कली” (नाटक) का एक संयोजन है। शास्त्रीय नृत्यों की तरह कथकली में हाथ के इशारों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। कथकली नृत्य पाँच विशिष्ट पहलुओं का एक मिश्रण है – 1. नाट्यम (चेहरे के भाव का प्रतीक है), 2. नृथम (ताल और शरीर के विभिन्न भागों के संचलन का प्रतीक है), 3. नृत्यम (हाथ के इशारों का प्रतीक है), 4. गीत (गीत/मुखर संगत का प्रतीक है), 5. वाद्यम (वाद्ययंत्र)।

कार्यक्रम का शुभारंभ सामूहिक रूप से माननीय उपायुक्त, पाकुड़ वरुण रंजन, माननीय पुलिस अधीक्षक, पाकुड़ एच. पी. जनार्दनन और माननीय डी.एफ.ओ. पाकुड़ रजनीश कुमार द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। अपने वक्तव्य में उपायुक्त महोदय ने कहा कि पाकुड़ जैसे शहर में केरल के कलाकारों द्वारा लोकनृत्य प्रस्तुत करना हमारे तथा पाकुड़ वासियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने पाकुड़ पॉलिटेक्निक में स्पिक-मैके चैप्टर की तारीफ की और कहा की हमारा देश विविधताओं में एकता का प्रतिक है और यह प्रतिक इस कथकली प्रस्तुति से और मजबूत होता है।

उन्होंने पाकुड़ पॉलिटेक्निक द्वारा इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए कॉलेज के निदेशक अभिजीत कुमार का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया और कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेज अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों द्वारा हमेशा पाकुड़ शहर और उनके छात्रों का नाम रोशन करता रहा है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय पुलिस अधीक्षक, पाकुड़ एच. पी. जनार्दनन और माननीय डी.एफ.ओ. पाकुड़ रजनीश कुमार उपस्थित रहे एवं उन्होंने कार्यक्रम की काफी सराहना की, साथ ही साथ इस आयोजन के लिए पाकुड़ पॉलिटेक्निक का आभार व्यक्त किया।

संस्थान के निदेशक अभिजीत कुमार ने युवाओं के बीच हमारी विरासत और संस्कृति को बढ़ावा देने में स्पिक-मैके की भूमिका के बारे में बताया और उन्होंने यह भी कहा कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में छात्रों को तनाव मुक्त रहने और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए हमारी भारतीय कला और शिष्टाचार की मदद लेनी चाहिए। इस अवसर पर संस्थान के शासी निकाय की सदस्या रेणुका यशस्वी ने स्पिक-मैके के समन्वयक मनीष सिंह ठाकुर को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में पाकुड़ पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ० सरोज कुमार पाढ़ी, उप-प्राचार्य डॉ० ऋषिकेश गोस्वामी, प्रशानिक पदाधिकारी निखिल चंद्रा, परीक्षा नियंत्रक अमित रंजन, सभी शिक्षकगण तथा कर्मचारी उपस्थित थे।

समारोह में उपस्थित अतिथिगण, अभिभावकगण, विद्यार्थीगण एवं प्रेस मिडिया के लोगों ने कथकली नृत्य का आनंद लिया तथा पाकुड़ शहर में होनेवाले इस कार्यक्रम को अत्यंत प्रेरक बताया।

समापन समारोह में सप्ताह भर आयोजित कार्यक्रम के विजेताओं को माननीय अतिथियों द्वारा प्रशस्ति-पत्र तथा पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया।

निदेशक अभिजीत कुमार तथा शासी निकाय की सदस्या रेणुका यशस्वी द्वारा स्पीक मैके के सभी कलाकारों का आभार व्यक्त करते हुए मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया ।

अंत में पाकुड़ पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ. सरोज कुमार पाढ़ी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं अतिथियों का इस कार्यक्रम को सफल एवं यादगार बनाने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले समय में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन पाकुड़ पॉलिटेक्निक में होता रहेगा।

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